A Review Of Fear Aur Dar Ko Kaise Jeetein – Tantrik Upay & Divya Sadhana
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डर हमारे अंदर मौजूद एक अवरोधक गुण (कारक) है जो हमें हमारे लक्ष्य तक पहुंचने या वह करने से रोकता हैं जो हम करना चाहते हैं। डर (भय) हमें मार्ग से भटकाने और बहाने बनाने के लिए मजबूर करता है। यह सीखना की डर को कैसे दूर करें, स्वयं को मानसिक रूप से स्वतंत्र करने का अहम कदम है
आपको खुद पर इतना भरोसा होना चाहिए की आप किसी भी समस्या से निपटने में काबिल हैं. आप कमजोर नहीं हैं, डर आपका कुछ नहीं बिगाड़ सकता.
वो आदमी इन तरीको से पैसा कमाकर भले ही अपने आप को खुश दिखाने की कोशिश कर रहा हो, पर हकीक़त ये है की वो खुद को ही धोखा दे रहा होता है.
यदि आप मकड़ियों से डरते हैं, तो कल्पना करें कि आप एक मकड़ी देख रहे हैं और सामान्य महसूस कर रहे हैं।
आप जितना डर से बचते हैं, वो उतना ही बढ़ता है
जब आप विचारों को खुद से जोड़ना छोड़ देते हैं तब आप यह जान जाएंगे किसी भी click here विचार में आपको विचलित कर देने लायक भी शक्ति नहीं होती है। यहां नेगेटिव विचारों को अवसर की तरह देखे, जब भी निगेटिव विचार आए तो तुरंत सकारात्मक विचार से उन्हें बदलते रहें और इसकी आदत बना ले, आप देखेंगे बुरे और नेगेटिव विचार धीरे-धीरे कम होने लगे हैं
नहीं रह सकता ना? क्योंकि उसके मष्तिष्क और शरीर को आदत हो गयी है हमेशा डर कर रहने की.
बच्चों को डर के बारे में खुलकर बात करने दें
सही लोगों के साथ रहें – जो आपको प्रेरणा दें, डर नहीं।
आप गाँव में रह रहे थे तो कुछ दिन शहर चले जाइए और शहर में रह रहे थे तो कुछ दिन गाँव चले जाइए. इस तरीके से आपके आस पास का पूरा माहौल बदलेगा, आपके आस पास के लोग बदलेंगे और सबसे बड़ी बात, बदलेंगे आपके विचार.
सोशल मीडिया डिटॉक्स भी फायदेमंद हो सकता है।
ऐसे लोगों में नकारात्मक विचार ज्यादा आते हैं और उन्हें लगने लगता है की उनका साथ देने वाला कोई नहीं है.
डर को कैसे दूर भगाएं
इसी भावना को डर कहते हैं. इसीलिए हम ऐसी चीज़ों से, लोगों से और मुसीबतों से बचना चाहते हैं, जिनसे हमें डर महसूस होता है.